दो से 3 महीने में बन जाएगी कोरोना की दवा: एम्स डायरेक्टर ने कहा

दो से 3 महीने में बन जाएगी कोरोना की दवा: एम्स डायरेक्टर ने कहा

सेहतराग टीम

अनलॉक 1.0 का बाद सोशल डिस्टेंशिग घटने पर एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने आगाह किया। उन्होंने इस पर कहा कि लॉकडाउन खुलने से सोशल डिस्टेंशिंग घटने लगी है। हमें समझना होगा कि कोरोना हमारे बीच अभी भी है। लगातार कोरोना केसेज में बढ़ोतरी भी हो रही है। साथ ही उन्होंने कहा अब सारे लोग बाहर निकल रहे हैं, ऐसे में अब हम क्रिटिकल फेस में हैं। अगर हमें इसे रोकना है और लोगों को मरने से बचाना है तो हमें संभलना होगा।

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हर दिन लगभग 10 हजार लोगों के पॉजिटिव टेस्ट होने पर उन्होंने ने कहा, भारत की जनसंख्या बहुत ज्यादा है। इसलिए पॉजिटिव मामले बढ़ेंगे। हमें डेथ रेट (Death Rate From Coronavirus) पर फोकस करना चाहिए। अगर डेथ कम हो और संख्या ज्यादा हो तो बहुत मुश्किल नहीं है। पॉजिटिव केस से घबराना नहीं है। ये अच्छी बात है कि हम डेथ रेट को कंट्रोल करने में कामयाब रहे हैं।

एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर भी बात की। उन्होंने कहा इस पर स्टडी चल रही है। अभी तक जो आंकड़े सामने आए हैं उनके अनुसार ये लाभदायक है। यह दवा सुरक्षित है। इसके साइड इफेक्ट ज्यादा नहीं हैं। जिन लोगों ने इस दवा का सेवन किया है उनमें कोरोना वायरस के लक्षणों में कमी पाई गयी है। लेकिन अभी ठोस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि गर्मी से इस का वायरस का कोई लेना देना नहीं है। ये एक प्रकार का महावायरस है। वैक्सीन में अभी टाइम है। इस साल के अंत तक या अगले साल के शुरू में वैक्सीन आ जाएगी। अगले 2-3 महीने में दवा तो आ ही जाएगी।

कैसा मास्क पहने (How to Wear Mask)

मास्क के बारे में पूछने पर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा, हमारे पास तीन तरह के मास्क हैं- कपड़े का, सर्जिकल और एन-95। तीनों काम करते हैं। अगर किसी इंसान में कोरोना के लक्षण नहीं है और वो पॉजिटिव है तो खतरनाक है। ऐसे में अगर वो मास्क लगाता है तो किसी और को ट्रांसमिशन नहीं होगा। अगर पॉजिटिव और निगेटिव संपर्क में आ भी गए तो मास्क से प्रसार रुक सकता है। जहां हवा में वायरस फैल सकता है, जैसे आईसीयू तो वहां एन-95 जरूरी है। कपड़े का मास्क कारगर है। इसे हमेशा इस्तेमाल कर सकते हैं।

छींकने पर वायरस के कीटाणु ज्यादा फैलते हैं। कुछ देर के लिए वायरस हवा में रहता है लेकिन तुरंत सरफेस पर बैठ जाता है। अगर अभी की बात करें तो गर्मी के कारण हवा में ये 10 से 15 मिनट से ज्यादा नहीं रह सकता। इसीलिए हम कहते हैं कि सोशल डिस्टेंशिंग बनाए रखें तो समस्या बहुत हद तक दूर हो जाएगी। एक बार सरफेस पर वायरस आ जाए तो छूने से भी फैल सकता है।

डॉक्टर गुलेरिया ने जॉगिंग करते समय कपड़े का मास्क लगाने की सलाह दी, जिससे ब्रिस्क वॉकिंग में कोई दिक्कत नहीं होगी। अगर पार्क में बहुत से लोग हैं तो मास्क जरूरी है। लेकिन, अगर भीड़ नहीं है तो बिना मास्क के भी दौड़ सकते हैं।

एम्स डायरेक्टर ने बताया कि बिना लक्षण वाले रोगी को अस्पताल में भर्ती होना जरूरी नहीं है। उनको घर में सही तरीके से अलग-थलग रहना चाहिए। 99 प्रतिशत मामलों में बिना लक्षण वाले रोगी ऐसे ही ठीक हो जाते हैं। ऐसे लोग दूसरों को इंफेक्शन दे सकते हैं। ये गंभीर समस्या है।

 

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